आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। वह कहता है कि पहले शादी एक संस्कार हुआ करती थी, जिसमें दो परिवारों का मिलन होता था और दो दिलों का मिलन होता था। लेकिन आज के समय में शादी एक इवेंट बन गई है, जिसमें केवल पैसा और दिखावा मायने रखता है। इसमें प्रेम और आत्मीयता का कोई स्थान नहीं है।
आज के समय में शादी में धर्म-जाति का बंधन नहीं है, बल्कि पैसे का बंधन है। लोग अपने बेटे-बेटियों की शादी अमीर परिवार में करना चाहते हैं, भले ही उनमें प्रेम न हो।
शादी में अब दो दिल नहीं मिलते हैं, बल्कि दो परिवारों की संपत्ति मिलती है। लोग शादी के बहाने अपनी संपत्ति को दूसरों के हाथों में सौंप देते हैं।
शादी अब एक सपना बन गई है, एक छलावा बन गई है, एक धोखा बन गई है। आज के समय में शादी से कोई उम्मीद नहीं रह गई है।