आज के युवा।
आज के युवा।
आज के युवा बहुत होशियार
काम घर बैठ करें सब पार
हाथ है तकनीकी हथियार
देख कर सबही करें विचार
आज का दौर अजब है यार
आज के युवा बहुत होशियार।
कहीं कुछ दिखता है गर भेद
हमें होता है जिसका खेद
वो है संवेदना शून्य संवाद
सीख लें कर इसको स्वीकार
आज के युवा बहुत होशियार ।
अनुराग दीक्षित