आज की सियासत
सियासत में अब शराफत रही कहां है,
अच्छे इंसान की जरूरत रही कहां है।
अब सियासत में झूठे का बोलबाला है,
नेक नेताओ की हिफाजत रही कहां है।।
सियासत में भ्रष्टाचार का बोल बाला है,
बुरे नेताओ का मुंह यहां बहुत काला है।
सत्ता के लिए वे कुछ भी कर सकते है,
अच्छे नेताओ के मुंह पर लगा ताला है।।
जिसके पास काम न हो सियासत करते है
सियासत के बदौलत ही अपना पेट भरते है।
सियासत की दुकान जरा बंद करके देखो,
बन्द दुकान होने पर वे सब भूखे ही मरते है।।
बे पढ़े लिखे नेता आज शिक्षा मंत्री बने है,
पढ़े लिखे लोग आज उनके पी ए बने है।
पता नही उस देश का भविष्य क्या होगा,
जहां बिना पढ़ाई के ही स्वास्थ मंत्री बने है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम