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9 Nov 2024 · 1 min read

# आज की मेरी परिकल्पना

# आज की मेरी परिकल्पना
कोई भी बात जब बोलें ,तो उसको तौलकर सौचें !
लिखा हो आम जब कोई ,तो इमली की बात न बोलें !!
जो कोई बात लिखता है ,उसे पढ़कर मनन कीजिये !
हिदायत कुछ भी देनी हो , मेसेन्जर को चयन कीजिये !!
बिगड़ जातीं हैं सब बातें ,जब कुछ और ही लिखते !
करें हम क्या भला बोलो ,जब कुछ और ही कहते !!
@ डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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