आज की प्रस्तुति: भाग 6
यादों के कसीदे पढ़ता हूं,
जिंदगी की जुबां होठों पे लिए,
ये दर्द बड़ा बेगैरत है, चाहे से भी जाता ही नहीं।
~ रचयिता – राजीव भाई घुमंतू
निवास – कलकत्ता, भारत
संपर्क सूत्र – 9062681467 (whatsaap)
यादों के कसीदे पढ़ता हूं,
जिंदगी की जुबां होठों पे लिए,
ये दर्द बड़ा बेगैरत है, चाहे से भी जाता ही नहीं।
~ रचयिता – राजीव भाई घुमंतू
निवास – कलकत्ता, भारत
संपर्क सूत्र – 9062681467 (whatsaap)