Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2020 · 1 min read

आज की पीड़ा

आज पीड़ा हो गई इतनी सघन,
नीर बन कर अब बरसना चाहियेl
चारों तरफ ही मच रहा कुहराम है,
शान्ति को मिलता नहीं विश्राम है,
आज रक्षक ही यहाँ भक्षक हुये,
देश की चिंता जिसे, गुमनाम है l
कर्ण धारों के हुये मिथ्या कथन,
पन्थ कोई अब बदलना चाहिये l
रोज हत्या का बढ़ा है अब चलन,
छवि यहाँ धूमिल, हुआ उसका क्षरण,
हम कहाँ, कैसे, बताओ रह सकें,
आज हिंसक हो गया है आचरण l
यह समस्या आज देती है चुभन,
हल कोई इसका निकलना चाहिए l
प्रांत सब ज्वालामुखी से जल रहे,
आतंक वादी अब यहाँ पर पल रहे,
कोन रह पाये सुरक्षित सोचिये,
आज अपने ही हमी को छल रहेl
दर्द है, कैसे करें पीड़ा सहन,
कोई तो उपचार करना चाहिये l
आज भ्रष्टाचार में सब लिप्त हैं,
घर भरें बस, दूसरों के रिक्त है
दूसरे देशो में अब धन जा रहा,
देख लो गाँधी यहाँ पर सुप्त है |
क्या करें, कैसे करें,इसका शमन,
प्रश्न है तो हल निकलना चाहियेl
देश तो अब हो गया धर्म आहत,
बढ़ रहा है द्वेष, हिंसा, भय, बगावत,
आज सकुनी फेकते हैं स्वार्थ पांसे,
एकता के नाम पर कोई न चाहत l
किरकिरी है आँख में देती चुभन,
कष्ट होगा पर निकलना चाहिए l
देश हित में सब यहाँ बलिदान हों,
विश्व गुरु भारत रहे, सम्मान हो ,
सत्य का सम्बल सदा पकड़े रहें,
एकता में बंध, नई पहिचान हो l
आज सबसे है, यही मेरा कथन,
एक जुट हो कर, सुधरना चाहिये l

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
मन के मनके फोड़ा कर...!!
मन के मनके फोड़ा कर...!!
पंकज परिंदा
विनती मेरी माँ
विनती मेरी माँ
Basant Bhagawan Roy
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
गुमनाम 'बाबा'
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
बिटिया !
बिटिया !
Sangeeta Beniwal
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
टुकड़े हुए दिल की तिज़ारत में मुनाफे का सौदा,
टुकड़े हुए दिल की तिज़ारत में मुनाफे का सौदा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
हम भी तो चाहते हैं, तुम्हें देखना खुश
हम भी तो चाहते हैं, तुम्हें देखना खुश
gurudeenverma198
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
sushil sarna
खुद स्वर्ण बन
खुद स्वर्ण बन
Surinder blackpen
🍀 *गुरु चरणों की धूल*🍀
🍀 *गुरु चरणों की धूल*🍀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शेर
शेर
*प्रणय*
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
*सब दल एक समान (हास्य दोहे)*
Ravi Prakash
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
हम सुख़न गाते रहेंगे...
हम सुख़न गाते रहेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
Shweta Soni
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" गिला "
Dr. Kishan tandon kranti
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
Loading...