''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
वो ख्वाबों ख्यालों में मिलने लगे हैं।
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
काश हम भी दिल के अंदर झांक लेते,
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका