Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2024 · 1 min read

आज का इंसान

इंसान आजकल तो शैतान हो गया है।
कैसे हवस का अंधा, हैवान हो गया है।
कोई बहन और बेटी अब तो नहीं सुरक्षित।
अब जानवर से बदतर इंसान हो गया।

सब संस्कार खोये,कोई नहीं मनुजता।
कोई नहीं मर्यादा,कुछ मूल्य न समझता।
संस्कृति सभ्यता सब,
हर चीज खो चुकी है।
संबंधों के भंवर में हर व्यक्ति है उलझता।

Language: Hindi
77 Views

You may also like these posts

*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इंसान बनाएंगे
इंसान बनाएंगे
अरशद रसूल बदायूंनी
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
ये तो कहो...
ये तो कहो...
TAMANNA BILASPURI
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
शेखर सिंह
आज की हकीकत
आज की हकीकत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"जरूरतों में कम अय्याशियों में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
बुढ़ापा है जीवन की शान
बुढ़ापा है जीवन की शान
Bharti Das
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
इश्क़ और चाय
इश्क़ और चाय
singh kunwar sarvendra vikram
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
सुन्दरता
सुन्दरता
Rambali Mishra
बेबाक ज़िन्दगी
बेबाक ज़िन्दगी
Neelam Sharma
फ़ासला बेसबब नहीं आया
फ़ासला बेसबब नहीं आया
Dr fauzia Naseem shad
चुनाव
चुनाव
Neeraj Agarwal
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक __
मुक्तक __
Neelofar Khan
क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया
क्या मिला है मुझको, अहम जो मैंने किया
gurudeenverma198
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
पंकज परिंदा
साँस रुकी तो अजनबी ,
साँस रुकी तो अजनबी ,
sushil sarna
आओ हम सपने देखें
आओ हम सपने देखें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ चलते हैं
आओ चलते हैं
Arghyadeep Chakraborty
ये  कैसी  मंजिल  है  इश्क  की.....
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
shabina. Naaz
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
manorath maharaj
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
विपत्तियों में स्वभाव संस्कार सहायक
विपत्तियों में स्वभाव संस्कार सहायक
Sudhir srivastava
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
मनोज कर्ण
Loading...