Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन

आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतनी प्राथमिकता दे रहे है की उनको ये आभास नहीं हो रहा,वो अपना रिश्ता उस सभी रिश्तों से खराब कर रहे है
बस उस एक रिश्ते को प्राथमिकता का व्यवहार देने से।
क्योंकि आप एक रिश्ते के लिए बाकी रिश्तों का अनादर, असम्मान, ignornce,कम व्यवहारिक अंकन औ प्राथमिकता का भाव बाकी रिश्ता को दे रहे हो।
शायद यही है आज कल के लोगो का रिश्ते के दरमिया
व्यवहारिक और आत्मिक तारतमय शून्य और व्यवहार अतिरेक होता जा रहा है।
एक रिश्ते या इंसान के लिए बाकी रिश्ते और इंसानों को
रिक्तभाव देना शायद अब हर चार दीवार के भीतर का भाव देखने को मिल रहा है।

जीवन में हर रिश्ते को प्राथमिकता दो फिर वो वक्त की भावना की प्रेम की हो क्यों ना हो।
आपका वजूद है रिश्ते वरना आप कुछ नही हो।
आज कल नए रिश्ते बनते हो, अव्यवहारिक हो रहे है लोग पुराने रिश्ते और साथ वाले रिश्ता से।
इंसान वक्त के धक्कों से कम, बल्की इंसान से मिलने वाली व्यवहारिक पीड़ाओ से ज्यादा परेशान है रिश्ते और परिवार

1 Like · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खत और समंवय
खत और समंवय
Mahender Singh
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
हर जौहरी को हीरे की तलाश होती है,, अज़ीम ओ शान शख्सियत.. गुल
Shweta Soni
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
अर्चना मुकेश मेहता
डोर
डोर
Dr. Mahesh Kumawat
"शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग"
Ajit Kumar "Karn"
3217.*पूर्णिका*
3217.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
पूर्वार्थ
कवि के हृदय के उद्गार
कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
“गुरु और शिष्य”
“गुरु और शिष्य”
DrLakshman Jha Parimal
"बताओ"
Dr. Kishan tandon kranti
समय और टीचर में
समय और टीचर में
Ranjeet kumar patre
एक ताज़ा कलाम _ नज़्म _ आएगा जो आएगा....
एक ताज़ा कलाम _ नज़्म _ आएगा जो आएगा....
Neelofar Khan
निरर्थक शब्दों में अर्थ
निरर्थक शब्दों में अर्थ
Chitra Bisht
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
Phool gufran
बंधे रहे संस्कारों से।
बंधे रहे संस्कारों से।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी जीने के लिए है
ज़िंदगी जीने के लिए है
Meera Thakur
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
भरत कुमार सोलंकी
मां
मां
Sûrëkhâ
..
..
*प्रणय*
Loading...