आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतनी प्राथमिकता दे रहे है की उनको ये आभास नहीं हो रहा,वो अपना रिश्ता उस सभी रिश्तों से खराब कर रहे है
बस उस एक रिश्ते को प्राथमिकता का व्यवहार देने से।
क्योंकि आप एक रिश्ते के लिए बाकी रिश्तों का अनादर, असम्मान, ignornce,कम व्यवहारिक अंकन औ प्राथमिकता का भाव बाकी रिश्ता को दे रहे हो।
शायद यही है आज कल के लोगो का रिश्ते के दरमिया
व्यवहारिक और आत्मिक तारतमय शून्य और व्यवहार अतिरेक होता जा रहा है।
एक रिश्ते या इंसान के लिए बाकी रिश्ते और इंसानों को
रिक्तभाव देना शायद अब हर चार दीवार के भीतर का भाव देखने को मिल रहा है।
जीवन में हर रिश्ते को प्राथमिकता दो फिर वो वक्त की भावना की प्रेम की हो क्यों ना हो।
आपका वजूद है रिश्ते वरना आप कुछ नही हो।
आज कल नए रिश्ते बनते हो, अव्यवहारिक हो रहे है लोग पुराने रिश्ते और साथ वाले रिश्ता से।
इंसान वक्त के धक्कों से कम, बल्की इंसान से मिलने वाली व्यवहारिक पीड़ाओ से ज्यादा परेशान है रिश्ते और परिवार