आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को।
तू छोड़कर परदेश को।।
नहीं तोड़ हमसे तू रिश्ता।
नहीं भूल अपने देश को।।
आजा रे अपने—————-।।
सूना है घर का ऑंगन, तेरे बिना।
खिलती नहीं कलियां, तेरे बिना।।
नहीं गाते गीत पंछी, तेरे बिना।
आजा रे अपने—————-।।
करती है याद तुमको, तेरी माँ।
रोज देखती है, वह तेरी राह।।
पूछती है तेरी खबर, तेरी माँ।
आजा रे अपने—————-।।
बीमार बापू है तेरा, तेरी याद में।
खबर उसकी नहीं ली, तूने बाद में।।
अब तो तू आकर जी, उनके साथ में।।
आजा रे अपने——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)