आजाद …
आजाद ….
हाँ
हम आज़ाद हैं
अब अंग्रेज़ नहीं
हम पर
हमारे शासन करते हैं
अब हंटर की जगह
लोग
आश्वासनों से
पेट भरते हैं
महंगाई,भ्रष्टाचार
और रोटी की
मरीचिका में जीते हैं
और उसी में मरते हैं
सुशील सरना
…. ….. …… …… …… …
आजाद ….
हाँ
हम आज़ाद हैं
अब अंग्रेज़ नहीं
हम पर
हमारे शासन करते हैं
अब हंटर की जगह
लोग
आश्वासनों से
पेट भरते हैं
महंगाई,भ्रष्टाचार
और रोटी की
मरीचिका में जीते हैं
और उसी में मरते हैं
सुशील सरना
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