आजाद बलूचिस्तान पर किया है पाकिस्तान ने सैनिक कब्जा , बलूचिस्तान नही है पाकिस्तान का हिस्सा , बलोच चाहते हैं पाकिस्तान से आजादी , क्या है बलूचिस्तान का इतिहास आइए जानते हैं ?
बलूचिस्तान , पाकिस्तान में सबसे बडा़ क्षेत्र है यहां के रहने वाले लोगों को बलूचि या बलोच कहते हैं तथा यहां कि भाषा बलोची है | बलूचिस्तान का एक पुराना नाम कलात भी है तथा पाकिस्तान में यह सबसे बडी़ समुद्री सीमा वाला प्रांत भी है इसकी लगभग 760 किलोमीटर की समुद्री सीमा है | बलूचिस्तान कुल पाकिस्तान का लगभग 44% हिस्सा है यह खनिज सम्पदा से बहुत धनी प्रांत है मगर पाकिस्तान के कब्जे के बाद लगातार संघर्ष एवं पाकिस्तान सरकार की उपेक्षा कि बजह से यह पाकिस्तान में सबसे गरीब एवं अशिक्षित प्रात है | बलूचिस्तान की कुल जनसंख्या लगभग 1.3 से 1.5 करोड़ है |
15 हजार वर्ष पुर्व जब सम्पुर्ण भारत अस्तित्व में आया तब से बलूचिस्तान भारत का क्षेत्र था | अखंण्ड भारत कहने का अर्थ आज का अफगानिस्तान , बलूचिस्तान , पाकिस्तान , भारत , बांग्लादेश , नेपाल एवं वर्मा (मयानमार) को एक साथ संबोधित करना है | बलूचिस्तान भारत (अखंड) के 16 महाजनपदों में से एक गांधार का हिस्सा था तथा इसका अस्तित्व महाभारत काल में जब 200 जनपद थे तब भी था तथा यह 30 उन जनपदों में सम्मिलित था जिन्होने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया था | बलूचिस्तान का इतिहास कई हजारों वर्ष पुराना है यहां माता सती के 51 शक्तिपीठो में से एक हिंगलाज का मंदिर है मान्यता है की यहां माता सती का सिर गिरा था | बलूचिस्तान में सैकडो़ कि तादाद में भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी पाई गई हैं | कहा जाता है की किसी जमाने में यहां बौद्ध धर्म भी अपने उत्कर्ष पर था |
बलूचिस्तान में स्थित मेहरगढ़ कि सभ्यता को हडप्पा सभ्यता से भी पुरानी सभ्यता कहा जाता है इसका कालखंण्ड 7 हजार ईपु से लेकर 2500 ईपु तक था | हडप्पा सभ्यता के भी समय में बलूचिस्तान से हडप्पा सभ्यता के बीच तांबे एवं सोने का व्यापार होता था | महान चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन भी 321 ईपु में अफगानिस्तान से लेकर बलूचिस्तान तक था तथा बलूचिस्तान मौर्य सामराज्य का हिस्सा था | यही नही मुगल बादशाह अकबर तथा उसके उत्तराधिकारियों ने भी किया था बलूचिस्तान पर राज्य , मुगल सामराज्य के पतन के बाद यहां के खानों ने स्वयं को आजाद घोषित किया तथा कुछ वर्षों तक वे स्वतंत्र शासक रहें |
साल 1877 में कलात (बलूचिस्तान) के खान आजाद थे उनपर अंग्रेजों का कोई नियंत्रण नही था मगर साल 1887 तक आते आते यह अंग्रेजों के कब्जे में आ गया | अंग्रेजों ने कलात (बलूचिस्तान) को चार भागों कलात , मकरान , खरान तथा लेसबुरा में बांट दिया था | 4 अगस्त 1947 को लार्ड लुई माउंटबेटन और मोहम्मद अली जिन्ना जो बसूचिस्तान का वकील था ने एक घोषणा कि जिसके मुताबिक 11अगस्त 1947 से कलात एक आजाद देश होगा |
11 अगस्त 1947 को कलात और मुस्लिम लीग के बीच एक समझौता हुआ था जिसके अनुसार मुस्लिम लीग कलात कि आजादी का सम्मान करेगी मगर फितरत के अनुसार पाकिस्तान के बनते ही मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तानी सेना भेजकर 27 मार्च 1948 को कलात पर कब्जा कर लिया | तब से लेकर आजतक पाकिस्तानी सेना यहां के निवासीयों पर जुल्म कर रही है , महिलाओं के साथ बलात्कार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बोलने वाले लोगों को गायब कर देना आम बात होगयी है | बलोची लोग अपनी आजादी कि जंग 60-70 के दसक से लड़ रहे हैं | कुछ प्रकाशित खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी सेना ने मिलकर 5-8 हजार बलूचिस्तान के नागरिकों को गायब कर रखा है जिनके बारे में उनके परिवारजनों को कोई जानकारी नही है मगर फिर भी बलोची अपनी आजादी की जंग दिन रात लड़ रहे हैं |