आजादी की कभी शाम ना हम होने देंगे
आज़ादी की कभी भी शाम ना हम होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी को बदनाम ना होने देंगे।
जब तक बची है एक बूंद लहू की रगो में,
भारत मां का आंचल नीलाम ना होने देंगे।।
अपने तिरंगे कभी भी हम झुकने नही देंगे,
इसकी शान को कभी भी मिटने नही देंगे।
जो करेगा इसकी शान में कोई गुस्ताखी,
उसको इस जमीं पर हम रहने नही देंगे।।
कुछ नशा है हमे तिरंगे की आन बान का,
कुछ नशा है हमे मातृ भूमि की शान का।
फहराएंगे हम ये तिरंगा हर घर घर पर,
ये नशा है अब हमे भारत के सम्मान का।।
इस बात को हवाओ से बताए रखना,
रोशनी के लिए चिराग़ जलाए रखना।
लहू देकर हिफाज़त की है हमने इसकी,
इस तिरंगे को घर घर फहराए रखना।।
न मुझे धन दौलत और ऐश चाहिए,
बस अमन से भरा भारत मुझे चाहिए।
जब तक जिंदा रहूं इस जमीं पर मै,
मरने पर मुझे तिरंगे का कफ़न चाहिए।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम