आजादी का नया इतिहास
आज जब देश दुनिया का वैश्विक स्वरूप बदलता दिखाई पड़ रहा है, तब हर संप्रभु राष्ट्र अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ अपने अपने सामर्थ्य का भरपूर इस्तेमाल कर कुछ नया और नया करने के साथ अपने अपने गौरवशाली इतिहास को और गरिमामय बनाने के लिए दिन रात प्रयत्नशील है। ऐसे में देखा जाय तो हमारा देश भारत भी आजादी की नई इबारत लिखने में महारत हासिल करता जा रहा है। आजादी के समय हमारी काफी कुछ निर्भरता दूसरे देशों पर थी , लेकिन प्रगतिशील भारत आज अधिकांश मामलों में आत्मनिर्भर हो गया है, शिक्षा, साहित्य कला संस्कृति, स्वास्थ्य, सड़क, जल, हवाई, रेल परिवहन, कृषि उत्पादन, रक्षा, सीमा सुरक्षा, विज्ञान और आंतरिक अथवा वाह्य सुरक्षा, विकास के साथ आर्थिक क्षेत्रों के साथ अंतरिक्ष ही नहीं समुद्री क्षेत्रों में भी अपनी दमदार उपस्थिति से दुनिया को आश्चर्यचकित कर आजादी का नया इतिहास लिखने को कटिबद्ध है।
वैश्विक स्तर पर आज भारत की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वैश्विक स्तर और द्विपक्षीय स्तर पर भी भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देखा जा रहा है। आज का भारत रोज ही नया इतिहास रच रहा है। विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है, चंद्रयान और सूर्य यान की सफलता से आज महाशिक्तयां भी भारत से करीब आने को उत्सुक रहती हैं। वसुधैव कुटुंबकम् की हमारी कार्य संस्कृति ने हमारे देश की विशिष्ट पहचान को और स्थायित्व और विश्वसनीयता प्रदान की है। आज दुश्मन देश भी हमें नजर अंदाज कर कुछ करने से पहले सौ बार सोचते हैं।आज का बदला भारत आंखों में आंखें डालकर कर बात करता है, दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में जवाब देता है, अपने निर्णय और शर्तों पर अडिग रहता है।
आज सारी दुनिया भारत की आजादी के नाते प्रगति और और उपलब्धियों ही नहीं वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव को देखकर आश्चर्यचकित हैं और अब भारत को उसकी आजादी के नाते इतिहास को देख रही है। पांच सौ साल से विवादित राम मंदिर में राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बहुत ऊंचा उठा दिया है।इस विवाद के शांतिपूर्ण हल से हमारी सार्वभौमिक क्षमता और समावेशी दृष्टि कोण, और कानून सम्मत शासन का सबूत देकर दुनिया के सर्वाधिक धर्मों वाला देश होने के बावजूद मजबूत और समान अधिकार देकर अपनी मजबूत धर्मनिरपेक्षता का अनूठा उदाहरण पेश कर रहा है। बिना धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य का अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी, धार्मिक आजादी, लैंगिक समानता, राजनैतिक स्वतंत्रता और योग्यता के आधार पर भर क्षेत्र में कार्य/ नौकरी करने का अधिकार दे रहा है।आज का भारत वैश्विक स्तर पर अपने द्विपक्षीय संबंधों को लगातार मजबूत करने के साथ ही वैश्विक संस्थाओं में भी अपनी धमाकेदार उपस्थित से दुनिया का ध्यान अपनी ओर लगातार खींच रहा है।
वर्ष २०२३ में जी-२० की अध्यक्षता और सम्मेलन का शानदार आयोजन करके दिखा दिया कि आज के भारत की सामर्थ्य और ताकत ही नहीं अहमियत क्या है।
आज का भारत अपना नया इतिहास अपने दम पर लिख रहा है, जिसमें किसी की दया और एहसान का जरा भी समावेश नहीं है। आज किसी भी राष्ट्र के तौर पर या वैश्विक स्तर पर भारत को किसी भी तरह से नजरंदाज करना किसी के लिए आसान नहीं है, और न ही किसी में इतनी ताकत है कि वह भारत को उपेक्षितकर अपमानित करने का सपना ही देख सके, बाबजूद इसके भारत आत्ममुग्धता से बचते हुए नित नया इतिहास रचते हुए आगे बढ़ रहा है, क्योंकि आज का भारत निरंतर अपनी प्रगति, सृदृढ़ और आत्मनिर्भर भारत की यात्रा संकल्पित होकर कर रहा है, अपनी आजादी का नया इतिहास खुद लिखने का न केवल दृढ़ संकल्प कर चुका है, बल्कि लिख रहा है।जिसका उदाहरण सारी दुनिया को प्रत्यक्ष रूप से दृष्टिगोचर हो रहा है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आज का नया भारत अपनी आजादी का नया इतिहास हर दिन, हर पल लिख रहा है, फिर घमंड नहीं कर रहा है बल्कि इस प्रगति को मंजिल नहीं महज पड़ाव मानता है और अपनी निर्बाध यात्रा को जारी रखकर अपनी क्षमता, श्रेष्ठता सिद्ध करने में जुटा है।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम्
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश