*आजादी का अमृत महोत्सव (कुंडलिया)*
आजादी का अमृत महोत्सव (कुंडलिया)
आजादी का मन रहा, अमृत महोत्सव आज
छूटी युग की दासता, अब है अपना राज
अब है अपना राज, तिरंगा ध्वज लहराता
अपना आज विधान, न कोई हुकुम चलाता
कहते रवि कविराय, गुलामी है बर्बादी
जन-मन का संगीत, मधुर गायन आजादी
————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451