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18 Jun 2024 · 1 min read

आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,

आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
फिर उसके माथे पे बिंदी और लिबास साड़ी थी

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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