आज़ादी के लिए जद्दोजहद
सोचने की आज़ादी
जानने की आज़ादी
हमें चाहिए हर हालत में
बोलने की आज़ादी…
ठिठुरे जा रहे हैं तन
कांपे जा रहे हैं मन
जीते जी एक नरक
झेले जा रहे हैं जन
आग सर्द हवाओं में
घोलने की आज़ादी
हमें चाहिए हर क़ीमत पे
बोलने की आज़ादी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech