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15 Aug 2022 · 1 min read

आज़ादी का परचम

केसरी श्वेत हरा संग संग लहरा रहे
एकता का अमृत कलश छलका रहे
नित प्रगति का सोपान चढ़ते जा रहे
अमन चैन शांति का बिगुल बजवा दो
घर घर आज़ादी का परचम फहरा दो

सर पर छत नीचे खेत हो खलिहान हो
तन पर कपड़ा हर घर दो मुट्ठी धान हो
अपनी मिट्टी पहने सोने का परिधान हो
सोने की चिड़िया पंख और फैला दो
घर घर आज़ादी का परचम फहरा दो

हूँ हूँ हुंकार रहा सरहद पर वीर सेनानी
दुश्मन पर फट पड़ा वो बादल तूफ़ानी
मारूँगा या मर जाऊँगा मन में है ठानी
नही झुकेगा सर दुनिया को बतला दो
घर घर आज़ादी का परचम फहरा दो

रेखांकन।रेखा

#आज़ादी_का_अमृत_महोत्सव
#हर_घर_तिरंगा #Harghartiranga
#अमृतमहोत्सव #स्वतंत्रतादिवस #IndependenceDay

Language: Hindi
1 Like · 261 Views
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