आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका ह
आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका है हर बंधन का सिलसिला।इंसान जब आपका वक्त देखता है,तो वह रिश्ता बड़ी आसानी से बनाता है।।
पर वही इंसान, जब वक्त बदलता है,तो हाथ भी उसी तेजी से छोड़ जाता है।वक्त सही आइना है रिश्तों की नियत का,और इंसान की सीरत का।।
जिन्हें आपने अपने दिल में जगह दी थी,वो वक्त के बदलते ही दूर हो गए।वक्त की कश्ती में रिश्तों का खेल ऐसा है,जो वक्त संग चले, वही सच्चा है।।
रिश्तों की इस दुनिया में सबकुछ वक्त पर टिका है,वक्त सही हो तो सब पास हैं, वरना सब फिका है।इसलिए भरोसा खुद पर रखो, वक्त पर नहीं,जो सच में अपने हैं, वो कभी दूर नहीं होंगे।।
वक्त के इस आईने में सबकी सूरत दिखती है,वक्त ही असली पहचान बताता है।जो साथ रहेंगे हर परिस्थिति में,वही रिश्ता, वही इंसान, सच्चा कहलाता है।।