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23 Dec 2023 · 1 min read

आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है

आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
रोज़ नींद की गोली खाकर सोना पड़ रहा है

जिससे वादा था मेरा कभी न बिछड़ने का
उसे हमेशा के लिए अब खोना पड़ रहा है

जिसको बचपन से जानता था मैं वो न मिल सकीं
मज़बूरन अब किसी अनजान का होना पड़ रहा है

– केशव

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