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Sarita Pandey
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4 Apr 2018 · 1 min read
आग
इक आग तेरे सीने में भी है,
तपिश मैंने महसूस की है,
तुझे माचिस की क्या ज़रुरत।
#सरितासृजना
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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