आगे बढ़ने एक साथ की जरूरत होती है
आगे बढ़ने एक साथ की जरूरत होती है
अब तो यादों को भी लिबास की जरूरत होती है
कहते है यादों का जीने में बड़ा सहारा होता है
किसी के जाने के बाद उसकी यादें ही है जो आपको संभालती है पर मैंने यादों को भी दम तोड़ते देखा है
जाने वाले कि तरह यादें भी निष्ठुर हो जाती है
कितना भी सोचो कभी तो वो पल आँखो में वापस समाते ही नही और कभी ये हाल होता है कि उन पलों के मंजर इतना दर्द देते है कि आँखो में भी बाढ़ आ जाती है
अकेले में यादों के झरोखे में झाँकने की कोशिश करती हूँ तो कुछ दिखाई ही नही देता सिवाए अंधेरे के
जाने वो खूबसूरत पल कहाँ चले जाते है जब हम साथ हँसे थे , साथ चले थे
वो पल जब मैंने तुम्हारी बाहों की शाम में खुद को महफूज़ पाया था दुबारा कभी लौट कर नही आया और ना कभी याद आई उन पलों की
यादों ने भी कफ़न ओढ़ लिया है और अब इंतजार है उसे भी मेरी तरह जलाए जाने का
शायद यादों को भी बार बार आने में पीड़ा होती होगी ना ,
क्या वो भी अश्को रोती होगी ,
हाँ तभी तो आज वो भी मौन हो गई है और बैठ गई है बेबसी का लिबास ओढ़ कर इंतजार में ….