आखिर मुझे कहना है संवेदना है वो वेदना है
सर्द हवाएं,जो गर्म हुए थी
आंधी तूफान की ,धूम मची थी
आसमान भी नीला सा
अंधियारे में वो काला सा
जी हां संवेदना ,मत कर तू इतना, वेदना
जो हो रहा ,होने दे
समय को ऐसा मत खोने दे
ना समझ की हे सजा
आज नही तो कल मजा
अंतिम है वो क्षण है
संवेदना ही वो रण है
हास्य मिले तो है मजा
निराश मिले तो है सजा
अरे देर भला है मायूस बला है
ये लोगो की हे!सलाह है
आखिर मुझे कहना है
संवेदना है वो वेदना है ||