आखिरी रात
ये इश्क की अपनी आखिरी रात है
सुला दो ऐसे कि कल का सहर हो तो हो
इन आंखों को सिर्फ तू चाहीए, सिर्फ तू
फिर चाहे इस जिस्म का मडर हो तो हो
नीतू साह
ये इश्क की अपनी आखिरी रात है
सुला दो ऐसे कि कल का सहर हो तो हो
इन आंखों को सिर्फ तू चाहीए, सिर्फ तू
फिर चाहे इस जिस्म का मडर हो तो हो
नीतू साह