आकार
आकार
बदल सकता है,
पहर
बदल सकता है
मगर
सत्य का चंद्रमा
डूब नहीं सकता,
हताश
हो सकता है,
निराश
हो सकता है
मगर
सत्य का महारथी
परास्त नहीं हो सकता,
विलंब
हो सकता है,
ठहराव,
भी मुमकिन है
मगर
सत्य की संभावना
का अंत नहीं हो सकता।
🍁श्वेता🍁