धरा महकना
आओ मिलकर पेड़ लगाएं
धरती को हम साफ बनाएं
फूलों के तुम पेड़ लगाना
फिर खुश्बू से जग महकाना
पेड़ अगर होते घर के पास
मिलती है इनसे ताजा सांस
पेड़ों से है बारिश आती
तपती धरती ठंडा जाती
इनसे ही हमको मिलते फल
आज नही तो तय मानो कल
© अरशद रसूल