#आओ न !
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🚩 #आओ न !
जीवनताप विरहवेदना
वचन तुम्हारा
और
पुनर्मिलन की आस के संग
अपने छोटे-से घर में
मैं अकेला हूँ . . .
हिरदेवाटिका के दोनों पट
इक दूजे से दूर-दूर
कबसे सज रहे हैं
तुम आओ न !
तुम्हें भय नहीं व्यापता
इतने बड़े घर में अकेले रहते हो
मेरे प्रभु . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२