आओ नया निर्माण करें
एक साथ सब रहे हिल मिल
एक साथ सब काम करें।
एक साथ सब हिल मिलकर
आओ नया निर्माण करें।
आपस में ना हो द्वन्द्व हम में।
न आपस में बेर भर।
सुख दुख का हो साथ सभी में।
और आपस में प्रेम भर।
अपने ,अपने हैं, नहीं पराए
एक यही संदेश धरे।
एक साथ सब हिल मिलकर
आओ नया निर्माण करें।
पूरब – पश्चिम, उत्तर – दक्षिण
चारों दिशाएँ गूंजे स्वर।
प्रेम- रस से भरा हृदय हो
वाणी में मिठास भर।
आपस की कटुता को भूलकर
एक नया आधार धरे।
एक साथ सब हिल मिलकर
आओ नया निर्माण करें।
आत्मनिर्भर बने राष्ट्र अब
सपना साकार करना है।
भारत देश के नौजवान हम
देश हमें सँवारना है।
नए विकास और आयाम तक
जाने का संकल्प करें।
एक साथ सब हिल मिलकर
आओ नया निर्माण करें।
दरिद्रता और लाचारी को
दूर हमें अब करना है।
दीन दुखी अपने बंधु को
खुशियों से अब भरना है।
कोई ना भूखा रह पाए
सबके घरों अन्न भरे।
एक साथ सब हिल मिलकर
आओ नया निर्माण करें।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’