आओ थोड़े वृक्ष लगायें।
आओ थोड़े वृक्ष लगायें।
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आओ थोड़े वृक्ष लगायें
हरी भरी ये धरा बनायें।
ये धरती को बाँधे रखते।
भूजल का संरक्षण करते।
स्वयं धूप में तपते हैं पर
प्राणवायु ये हमको देते।
फर्ज हमारा भी है बच्चो,
हम भी मिलकर इन्हें बचायें।
आओ थोड़े वृक्ष लगायें।
पत्थर खाकर फल देते हैं।
ये पथ पर छाया देते हैं।
गिर जाते हैं पर मिट कर भी,
जलने को ईंधन देते हैं।
इनके उपकारों का सोचो,
कैसे हम सब मूल्य चुकायें।
आओ थोड़े वृक्ष लगायें।।
श्रीकृष्ण शुक्ल,
MMIG 69,
रामगंगा विहार, मुरादाबाद।
मोबाइल 9456641400