Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2021 · 1 min read

आओ गुफ़्तगू करें

जुस्तजू़ करूँ तुझसे,
मेरा कोई इख़्तियार तो नहिं?

आत्मीयता हो, ज़रा सी एहमियत ही?
आओ गुफ़्तगू करें.
शायर©किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
अज़ीब था
अज़ीब था
Mahendra Narayan
माँ-बाप का किया सब भूल गए
माँ-बाप का किया सब भूल गए
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
बेटियों को मुस्कुराने दिया करो
Shweta Soni
कोरोंना
कोरोंना
Bodhisatva kastooriya
बदतमीज
बदतमीज
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
श्याम सिंह बिष्ट
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
जीवन में कम से कम एक ऐसा दोस्त जरूर होना चाहिए ,जिससे गर सप्
ruby kumari
सुबह की एक कप चाय,
सुबह की एक कप चाय,
Neerja Sharma
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
उसका-मेरा साथ सुहाना....
उसका-मेरा साथ सुहाना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
Ravi Prakash
“बिरहनी की तड़प”
“बिरहनी की तड़प”
DrLakshman Jha Parimal
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
Paras Nath Jha
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
यारों का यार भगतसिंह
यारों का यार भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
'खामोश बहती धाराएं'
'खामोश बहती धाराएं'
Dr MusafiR BaithA
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
संवेदना की बाती
संवेदना की बाती
Ritu Asooja
3082.*पूर्णिका*
3082.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुहागन का शव
सुहागन का शव
Anil "Aadarsh"
मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Neelam Sharma
कविता ही हो /
कविता ही हो /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दिल की गुज़ारिश
दिल की गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...