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26 Nov 2023 · 1 min read

आओ कान्हा

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आओ कान्हा
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माखन खाया खूब लुटाया , लेकर ग्वालों की टोली ।
वाणी से अमृत झरता था , मिसरी सी मीठी बोली ।।
दिया वचन था कुरुक्षेत्र में, अब तो सुन लोे करुण पुकार ।
भू का भार बढ़ा पापों से, कुछ तो हल्का कर दो भार ।।

जब अच्छे दिन आयेंगे ।
मिल कर खुशी मनायेंगे ।
०००
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
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Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
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