” आओ, आओ पालनहार, कर दो सबका बेड़ापार “
जन्म लो फिर से एक बार, कान्हा बढ़ गया अत्याचार,
जन्म लो फिर से एक बार ,कान्हा बढ़ गया अत्याचार,
बिगड़ी बनाते हो कान्हा, दुख हरते तारणहार,
नाव फंसी है कान्हा मेरी, आके अब मंझधार,
आओ, आओ पालनहार, कर दो, सबका बेड़ापार,
जन्म लो फिर से एक बार ,कान्हा बढ़ गया अत्याचार,
लाखों कंस हुए हैं पैदा, दुराचार फैलाते,
द्रोपदी सी अब नारी की क्यों नही लाज बचाते?
मर्यादा लूट रही बीच बाजार, उठाओ सुदर्शन हथियार,
जन्म लो फिर से एक बार कान्हा बढ़ गया अत्याचार,
आओ, आओ पालनहार, कर दो सबका बेड़ापार।