Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2024 · 1 min read

आए थे जो डूबने, पानी में इस बार ।

आए थे जो डूबने, पानी में इस बार ।
उल्टा पी कर चल दिए, दरिया का विस्तार ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
घर का हर कोना
घर का हर कोना
Chitra Bisht
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
" LEADERSHIP OPPORTUNITY" ( ARMY MEMOIR)
DrLakshman Jha Parimal
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
" गौरतलब "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सनम की शिकारी नजरें...
सनम की शिकारी नजरें...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
ग़ज़ल _ दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
Neelofar Khan
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
Vandana Namdev
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
Ashwini sharma
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
नारी
नारी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
पूर्वार्थ
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
आओ एक गीत लिखते है।
आओ एक गीत लिखते है।
PRATIK JANGID
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
4800.*पूर्णिका*
4800.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#ग़ज़ल :--
#ग़ज़ल :--
*प्रणय*
*आई सदियों बाद है, राम-नाम की लूट (कुंडलिया)*
*आई सदियों बाद है, राम-नाम की लूट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बुझदिल
बुझदिल
Dr.Pratibha Prakash
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वक़्त की मुट्ठी से
वक़्त की मुट्ठी से
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...