Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

आए गए कई आए……

आए गए कई आए……
मगर तू नहीं आया गया

पहले बिछड़ कर तू गया
फिर तेरा साया गया……!

आखरी ख्याल आखिर
खड़ा रहा बेचैन सा….

मन व्याकुल करने को
जहन में फिर लाया गया !!

✍️ कवि दीपक सरल

1 Like · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
*प्रणय प्रभात*
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
"तेरे बारे में"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
Mahender Singh
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
रात अंजान है
रात अंजान है
Dr. Rajeev Jain
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
भतीजी (लाड़ो)
भतीजी (लाड़ो)
Kanchan Alok Malu
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
Suryakant Dwivedi
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
सत्य कहाँ ?
सत्य कहाँ ?
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दोस्ती की हद
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
यह आशामय दीप
यह आशामय दीप
Saraswati Bajpai
Finding the Right Help with College Homework
Finding the Right Help with College Homework
Myassignmenthelp
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
शेखर सिंह
"मानुष असुर बन आ गया"
Saransh Singh 'Priyam'
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...