आइना तू झूटा है
आइना तू झूटा है
आयने मे देखता हूँ , क्या देखता हूँ?
एक अजनबी इंसान, जो मैं नही हो सकता।
क्योंकि मैं तो बहुत जवान हूँ, और इतना मोटा भी नही,
जैसा आयने मे दिख रहा हूँ।
ओ आयने कहाँ गये,
जिनको मैं जानता था,
ओ जो चालीस साल पहले बने थे?
अब सब कुछ बदल गया है,
और आप भी मानेंगे कि,
आयने उतने अच्छे नही रहे
जैसे हुआ करते थे।
इसलिये चिंता क्यों करूँ
अगर झुर्रियाँ दिखने लगें,
क्योंकि एक बात जो मैने सीखी है,
जो साफ है,
अगर चेहरा जैसा दिखना चाहिये,
नहीं है, तो ख़राबी आयने मे है,
मुझमें नहीं।
आयना! तू झूटा है।