आइना तुझको जब न भायेगा
आइना तुझको जब न भायेगा
उम्र का दौर वो भी आयेगा
तीर अँधेरे में जो चलाएगा
चूक उसका निशाना जाएगा
तेरा दुश्मन नहीं है और कोई
तेरा गुस्सा तुझे मिटायेगा
दर्दे – दिल से निजात पाएँगे
तू जब आगोश में आ जायेगा
बढ़ती जायेगी और तन्हाई
दर्द दुनिया को गर सुनायेगा
ज़िन्दगी का गणित तो सीधा है
तू जो बोयेगा वो ही पायेगा
चैन लेने न देगा इक पल भी
वक़्त मीलों हमें चलाएगा
‘अर्चना’ खुद पे तू भरोसा रख
वक़्त खुशियाँ ज़रूर लायेगा
डॉ अर्चना गुप्ता