आइना अपने दिल का साफ़ किया
ग़ज़ल
आइना अपने दिल का साफ़ किया
जा तुझे मैने अब मुआफ़ किया
तेरी बातों का एतिराफ़¹ किया
तूने मुझसे ही इख़्तिलाफ़² किया
शब-ए-फ़ुर्क़त³ थी सर्द सो हमने
वस्ल⁴ के ख़्वाब को लिहाफ़⁵ किया
चाँद करता है ज्यों ज़मीं का तवाफ़⁶
तेरे कूचे⁷ का यूँ तवाफ़ किया
इश्क़ से हमने आशनाई⁸ की
तूने बस ऐन शीन क़ाफ़* किया
इक परी-रू⁹ ने दिल में हो के मकीं¹⁰
दिल मेरा जैसे कोह-ए-क़ाफ़¹¹ किया
करना थी जो नमाज़े-इश्क़ अदा
हमने सहरा¹² में एति’काफ़¹³ किया
ये सुकूँ एहतिजाज¹⁴ करने लगा
फ़ैसला दिल के क्यों खिलाफ़ किया
ना-उमीदी की तीरगी¹⁵ में ‘अनीस’
एक उम्मीद ने शिगाफ़¹⁶ किया
-अनीस शाह ‘अनीस’
(*ऐन शीन क़ाफ़=इश्क़ की स्पेलिंग, मुहावरे के तौर पर समय पास करना)
1.स्वीकृति 2.विरोध 3.वियोग की रात 4.मिलन 5.रजाई 6.परिक्रमा 7.गली 8.परिचय 9.परी जैसे मुँह वाली 10.निवासी 11.वह पहाड़ जिस पर परियाँ रहती हैं 12.रेगिस्तान 13.इबादत के लिए एकांत में बैठना 14.विरोध प्रदर्शन 15.अँधेरा 16.छेद, दरार