आइए मेरे हृदय में
आइए मेरे हृदय में
आइए मेरे हृदय में
श्याम तुम आ जाइए।
प्रेम का विरवा लगाकर फिर कहीं मत जाइए।
मैं न, मीरा राजरानी जप सकूं दिन रात मैं,
मैं न राधा लाडली हूं, सुन सकूं हर बात मैं।
आन बैठे पास मेरे, फिर यहीं रहना सदा।
प्रेम से मिलजुल हमेशा, हल निकालें सर्वदा।
है नहीं द्वापर कन्हैया, भूल जो सब जाउँगी।
जो अदालत हृदय की है खींच उस तक लाउंँगी।
इंदु पाराशर