आंसू
कभी स्मृतियों की क्षितिज से,
टकरा जाते है हृदय मे,
कभी लहरों को आवाजों से,
बिखर जाते है पानी में,
चाहे खुशी में निकल जाने से,
सज जाते मन की द्वार में,
गम की पहाड़ों से,
छुप जाते है अपने आप में,
जुबान कभी खामोश होने से,
छुप जाते है रातों कि अंधेरों में,
मन में ज्वाला जलने से,
आजाते जब आंखों के तटमें,
मन के जज्बात दिखाने से,
सहम जाते है ये खुद ही खुदमे,
आंसू से निकले हर संकेत से,
खुशी और गम की तस्वीर है स्वरों में।