आंसुओं की सूई लेकर
अर्ज किया है-
कई दाग लिए जीता हूँ ।
घूँट दर्द के पीता हूँ ।
दुनिया छल्ली कर फाड़ती है आत्मा के कपड़ों को जब भी
आंसुओं की सूई लेकर शोंक से सीता हूँ ।
अर्ज किया है-
कई दाग लिए जीता हूँ ।
घूँट दर्द के पीता हूँ ।
दुनिया छल्ली कर फाड़ती है आत्मा के कपड़ों को जब भी
आंसुओं की सूई लेकर शोंक से सीता हूँ ।