आंखो में नींद की पहरा है
आंखो में नींद की पहरा है
दिल पे लगा चोट गहरा है
अब तो गर्मी में भी मुझे कुछ दिखाई नहीं देती
चारो तरफ धोखे बाजो का छोड़ा कोहरा है
आंखो में नींद की पहरा है
दिल पे लगा चोट गहरा है
अब तो गर्मी में भी मुझे कुछ दिखाई नहीं देती
चारो तरफ धोखे बाजो का छोड़ा कोहरा है