आंखों में रात
पैदा हालात कर ही लेते हैं ।
आंखों में रात कर ही लेते हैं ।।
लेकर लफ़्ज़ों के ताने-बाने को।
ज़ाहिर जज़्बात कर ही लेते हैं ।।
न-न करके भी न जाने क्यों ।
आपसे बात कर ही लेते हैं ।।
गर समझना हमें ज़रूरी है।
एक मुलाकात कर ही लेते हैं ।
पैदा हालात कर ही लेते हैं ।
आंखों में रात कर ही लेते हैं ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद