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26 Sep 2024 · 1 min read

आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।

आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आदमी, आदमियत के, बहुत नीचे गड़ गया ।।
“तमन्ना” न जाने कि, दोष किसका है ,
पर ये सच है कि , बागबां के हाथों ही गुलिस्तां उजड़ गया ।।।

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