आंखें
तेरी आंखों में कोई प्यास नज़र आती है,
मिल जाए कोई अपना ये आस नज़र आती है ।
कर सकूं यकीं मैं जिस पर,
भरोसा ढूंढती आंखें नज़र आती हैं ।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र. )
तेरी आंखों में कोई प्यास नज़र आती है,
मिल जाए कोई अपना ये आस नज़र आती है ।
कर सकूं यकीं मैं जिस पर,
भरोसा ढूंढती आंखें नज़र आती हैं ।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र. )