आंँखो में झाँक कर देखो।
हँसती आँखो में झाँककर देखो कोई आँसू कहीं छुपा होगा।
पलको के नीचे ताककर देखो कोई सैलाब कहीं दबा हैगा।
पूछो उससे इतना खामोश क्यों रहता है आजकल वो,
लाज़मी है जुबां पर उसके, दर्द भरा राज कहीं रुका होगा।
-शशि “मंजुलाहृदय”