आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
की सामने वाला तब रोये जब रोने को कहा जाय
तराजू में रख कर जहा आँशुओ का मोल करता है
ना हद से ज्यादा खुशी हो ना बेसुमार गम सहा जाय
ये दरिया नही चाहता की उसके रास्ते मे समंदर हो
जिस जगह पर खड़ा हो सहर उस रास्ते में चला जाय
हँसते हुए हो पलके गीले या दर्द मे हो आँखे नम
आँशु बस आँशु लगे बस इतना ही आहतीयत रखा जाय
ऋतुराज वर्मा