आँख हमारी रो देती है
बीज ग़मों के बो देती है।
धड़कन धीरज खो देती है।
याद तुम्हारी जब जब आती
आँख हमारी रो देती है।
अभिनव मिश्र अदम्य
बीज ग़मों के बो देती है।
धड़कन धीरज खो देती है।
याद तुम्हारी जब जब आती
आँख हमारी रो देती है।
अभिनव मिश्र अदम्य