आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम
आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम, मेरी विदाई आज करो।
मुस्कराते हुए और हँसते हुए तुम, मेरी विदाई आज करो।।
आँखों से गिराकर नहीं आँसू ———————।।
जीना है अभी तो कल के लिए, अपने कुछ सपनों के लिए।
ऐसे दुःखी यदि हम होंगे तो, कैसे हंसेंगे हम कल के लिए।।
अपना दिखाओ तुम रूप वही, श्रृंगार वही तुम आज करो।
मुस्कराते हुए और हँसते हुए तुम, मेरी विदाई आज करो।।
आँखों से गिराकर नहीं आँसू ———————।।
तुमसे हुआ नहीं हूँ मैं बेवफा, नहीं दिल तुम्हारा तोड़ा है मैंने।
परदेश को चाहे मैं जा रहा हूँ, नहीं हाथ तुम्हारा छोड़ा है मैंने।।
मुझसे मिलाओ तुम हाथ अपना, उम्मीद वही आज करो।
मुस्कराते हुए और हँसते हुए तुम, मेरी विदाई आज करो।।
आँखों से गिराकर नहीं आँसू ——————–।।
दुनिया से हमको क्यों डरना है, कब साथ हमारा इसने दिया।
हम पर जुल्म बहुत इसने किये, बदनाम बहुत हमको इसने किया।।
जहाँ भी रहे कल,खुश हम रहें, ऐसी दुहा तुम आज करो।
मुस्कराते हुए और हँसते हुए तुम, मेरी विदाई आज करो।।
आँखों से गिराकर नहीं आँसू ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)