आँखों में आञ्जलों
गर आँखों में आञ्जलों तुम बना ख्वाब
गर ख्वाब में भी काँटों-गुलाब हो ख़्वाब
खोल दे स्वप्न-राज क्या पाओगे सम्भाल
खुली क़िताब रख दें रखें जो राज ख्वाब।।
? मधुप बैरागी
गर आँखों में आञ्जलों तुम बना ख्वाब
गर ख्वाब में भी काँटों-गुलाब हो ख़्वाब
खोल दे स्वप्न-राज क्या पाओगे सम्भाल
खुली क़िताब रख दें रखें जो राज ख्वाब।।
? मधुप बैरागी