आँखों को ….
आँखों को …
आँखों को कुछ तो कहने दो ।
चन्द कतरे दर्द के बहने दो ।
जिन यादों से हों .ज़ख्म हरे –
अब वो अफ़साने रहने दो ।
सुशील सरना
आँखों को …
आँखों को कुछ तो कहने दो ।
चन्द कतरे दर्द के बहने दो ।
जिन यादों से हों .ज़ख्म हरे –
अब वो अफ़साने रहने दो ।
सुशील सरना